खांबीत के "खंभे" पर अटकी जानकर की "जान "
आरटीआई के"४४0 वोल्ट"के झटके से ठेकेदार"बेहाल "

महाराष्ट्र के जिला ठाणे , मिरा भायंदर कि महानगर पालिका जो सन २००२ में नगरपरिषद से महानगर पालिका बनकर अस्तित्व में आयी। मुंबई से सटे होने के कारण लोगो का झुकाव इस तरह दिन दुगनी बढ़ने लगा। जनसँख्या के साथ साथ लोगो के जरुरी संसाधन जुटाने का काम यहाँ कि नगर पालिका पर प्रतिदिन बढ़ने लगा। जिसमे सड़क ,बिजली ,जल ,घनकचरा और साथ ही साथ अतिक्रमण। पहले ग्राम पंचायत फिर नगर परिषद् / नगर पालिका अब मिरा भायंदर "महानगर पालिका" बनने से आवश्यक जनउपयोगी संसाधन जुटाने हेतु कर्मचारीओ की कमी पड़ने पर कर्मचारीओ कि नियुक्ति ठेका पद्धत से पालिका करने लगी। कुछ चतुर प्रवत्ति तथा चापलूसी प्रवत्ति के ठेका पद्दत से आये "ठेका अधिकारी" यहाँ की राजनीती को समय के हिसाब से समझ कर "समय - समय" पर जनता द्वारा चुने गए "नेताओ " कि चाटुकारिता कर पक्ष व् विपक्ष के दलों के भावनाओ से साथ "आर्थिक व मानसिक" साथ देकर जल्द ही नेताओ के लोकप्रिय अधिकारी बन "मनपा" पर "एक छत्र" राज करने लगे। जब जब ईमानदार सत्ता पक्ष को इस बात का आभास हुआ ऐसे "ठेका कर्मचारी " को निकलने की कवायत शुरू हुई तब- तक प्रतिपक्ष द्वारा महा सभा में इसका विरोध हुआ। क़ानूनी प्रक्रिया को जानबूछ कर सरल बनाकर पुनः ऐसे "ठेका अधिकारी" को मनपा में उसी पद पर बैठाना पड़ा। यह खबर उस समय के हर अख़बार और जनता के बीच चर्चा का विषय रहा और आज भी है। समय के साथ साथ ऐसे "ठेका अधिकारी" की पदोन्नती के साथ - साथ वेतन और सुख सुविधा में भी तररकी हुयी । इस "ठेका अधिकारी" ने यहाँ जनता के प्रतिनिधि तथा आला अधियकारियो को खुश कर स्वतंत्र प्रभार लेकर मनपा के सार्वजनिक बांधकाम विभाग में अपना एक छात्रा राज्य कायम कर आज तक बरकरार रखाऔर यहाँ की जनता के गाढ़ी कमाई पर लगातार विकास के नाम पर लूट होती रही।
इस खेल में यहाँ "आयुक्त" कोई भी आये , "स्थानीय नेता" हो या "विपक्षी " या "मुख्यमंत्री" वह "ईमानदार" हो या "बेईमान" , "चरित्रहीन हो चरित्रवान" यहाँ चलती तो इस "ठेका अधिकारी" की है।
उस ठेका अधिकारी का नाम जाना पहचाना सा है श्री दीपक खांबीत(कार्यकारी अभियंता मनपा )
यह एक ऐसा नाम है इनके बिना मिरा भायंदर महानगर पालिका में एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है।
श्री दीपक खंबीत जी का विभाग है सार्वजानिक बांधकाम विभाग (PWD) इस विभाग के अंतर्गत शहर में नित्य नए कामो का प्रस्ताव महासभा में लाना , उस प्रस्ताव को अमल में लाने हेतु क़ानूनी प्रकिर्या आयुक्त से तांत्रिक मंजूरी सह अनुमति लेना , उस कामो हेतु शाषण द्वारा तय नियमो का पालन करना , कामो का ठेका / निविदा निकलवाना , उप अभियंता के माध्यम से कनिष्ठ अभियंताओं द्वारा उनकी देख रेख में कार्य हो करवाना काम समाप्ती त्रिय पक्षीय जांच करवाना , काम समाप्ति पर ईमानदारी से कंप्लीशन सर्टिफिकेट देकर प्रथम देयक और द्वितीय या अन्य देयक देकर फूल और फाइनल पेमेंट ठेकेदार को दिलवाना।
इस बीच कोई "ईमानदार" आयुक्त यदि ज्यादा "टांग अड़ाता" है तो अपने राजनैतिक पहचान से जल्द से जल्द उसका तबादला करवाना आदि। .....
आज तक मिरा भायंदर महानगर पालिका में आये मनपा आयुक्त की लिस्ट।
- 1) श्री आर डी शिंदे
4) SHREE SHIVMURT NAIK
हँगे :अतिवृष्टीच्या काळात मीरा-भाइंदरच्या महापौरांनी पाच वेळा मोबाइलवर संपर्क साधला असतानाही हांगे यांनी महापौरांचा फोन घेतला नाही. त्यामुळे नाराज झालेल्या महापौरांनी हांगे यांची थेट मुख्यमंत्र्यांकडेच तक्रार केली होती. त्यामुळे त्यांची दीड वर्षांपूर्वी तडकाफडकी उचलबांगडी करण्यात आली होती. गेले वर्षभर ते पदस्थापनेच्या प्रतीक्षेत होते. अखेर, एक जुलै रोजी त्यांची पिंपरी महापालिकेत वर्णी लागली होती.
8)SHREE AACHUT HANGE
श्री गीते को महंगा पड़ा मेहता से लेना पंगा।
SHREE KHATGOANKAR क्या अब यहाँ वर्तमान तैनात ११वे आयुक्त श्री बालाजी खतगांवकर को भी श्री दीपक खंबित कार्यकारी अभियंता के पहुंच का अंदाजा हो चूका होगा वर्ना कभी भी ११ आयुक्तो कि तरह इस महानगर पालिका से जी.पी.एल. मिल सकता है। श्री आयुक्त साहब आप भी भविष्य को देख सावधान रहे। ......
किसी भी आयुक्त को दीपक खंबित के खेल में आडी बाजी कि उसका खेल समाप्त कर जो जिसको जो करना है ऊपर से निचे तक सभी को खरीद कर अपने खीसे में रखा है इस अभियंता ने करोडो अरबो का साम्राज्य समाज सेवा कर के नहीं बनाया है , सीबीआई ,आईबी ,इनकम टैक्स ,लोकायुक्त ,सुचना आयुक्त ,तथा मुख्यमंत्री सभी है इसके मुट्ठी में।
-
कैसे होता है यहाँ खंबित का खेल । ..........
१) अपने प्रिय कनिष्ठ अभियंता के मातहत विविध मुद्दों पर जन समस्या के निजात दिलाने के लिए शहर के विकास हेतु विविध कामो का प्रस्ताव उप अभियता के माधयम से अपने पास मंगवाकर आगे (शहर अभियंता) "शिवाजी बारकुंड" के (जो सिर्फ रबर स्टैम्प है ) माध्यम से "आयुक्त" से आर्थिक मंजूरी लेकर मनपा ठराव में अपने राजनैतिक पकड़ द्वारा उस काम का मंजूरी लेना।
२ ) इनको पहले से ही इस सभी कनूनी प्रक्रिया का स्टेप बाय स्टेप की जानकारी होने के कारण कई ऐसी कंपनिया जो इस काम को करती या कर सकती है उनके साथ उस कंपनी में स्लीपिंग पार्टनर के रूप में अपनी हिस्सेदारी तय कर एसी जटिल प्रक्रिया उस निविदा के TERM & CONDITION में डालना भगवान भी चाहकर यह ठेका नहीं ले सकता है। उदा। .......
अ) वह कंपनी किसी "महानगर पालिका" में इतने सालो का काम का अनुभव हों अनिवार्य रहेगा।
ब ) वह कंपनी का अपनी कम्पनी को देखते हुए इतने साल का टर्न ओवर अनिवार्य रहेगा ।
क) वह कंपनी का मालक मीरा रोड का निवासी हो फलाना ढिमका। ......इत्यादि और अपनी ही ऐसी तीन से चार कम्पनी द्वारा ५%से १५ % काम ज्यादा रेट डालकर अपनी ही कम्पनी को सदा यह काम देना।
३) स्टैंडिंग कमेटी में सत्ताधारी पक्ष के ही लोग इस काम हेतु फाइनल मंजूरी हेतु रहते है उनसे निविदा /टेंडर पर कम-ज्यादा % दिखा कर काम देने हेतु मान्यता का लेना।
४ ) खुद ही ऐसा कानून बनाकर आयुक्त से मंजूरी लेना जैसा ५०,०००००/- तक किसी काम का त्रिपकछिय जांच की आवश्यकता नहीं है।
५) मनपा के पैनल पर सार्वजनिक बांधकाम विभाग द्वारा / स्वय द्वारा पहले से तय कर ऐसी कम्पनीओ को त्रिपक्षीय जाँच करवाना अनिवार्य है को नियुक्त करना। (तीन चार ऐसे ही कंपनी में इनकी हिस्सेदारी है )
६) अपने कनिष्ठ अभियंताओं के मातहत अपने मनचाहे हिसाब से फिल्ड बुक /एम.बी.) भरवाना।
सोलार घोटाला : (मिरिकल्स इलेक्रिकल्स सोलुशन प्रा लि ० )

फिर हमने किस तरह श्री जानकर व दीपक खंबीत द्वारा सोलर घोटाला का खुलासा किया जिसमे लागत मूल्यों से भी ज्यादा का इस्टीमेट बनाकर और वार्षिक देखभाल के नाम पर मिरिकल इलेक्रिकल्स सोलुशन इंडिया प्रा लि ० के नाम पर हजारो रुपयों का हेरफेर किया गया है।
https://rtiactivistsantoshtiwari.blogspot.com/2019/08/blog-post.html
ट्रैफिक सिग्नल घोटाला ( यूटिलिटी इंटरप्राइजेश )
इसी क्रम में एक नयी कड़ी जुडी है जिसकी मई सह विस्तार चर्चा करना चाह कर भी नहीं कर सकता लिस्ट बहुत लम्बी हो जायेगी। कुछ मुद्दों का खुलासा आज हम यहाँ करेंगे की किस प्रकार
श्री दीपक खंबित के "खभे" पर अटकी है जानकर कि "जान"
चार कंपनियों को ही क्यों मिलता है "हर बार विधुत विभाग का ठेका ?" बहुत बड़ा सवाल है ?
१ ) शेखर इलेकट्रिकल्स २ ) मिरिकल इलेक्रिकल्स सलूशन इंडिया प्रा लि
३ ) न्यू फिल्ड (शेखर इलेक्ट्रिकल्स के मालक शेखर कि पत्नी के नाम पर कंपनी है. ४ ) यूटिलिटी इंटर प्राइजेस
किस प्रकार यह मिलकर "यूटिलिटी इंटरप्राइजेस" से नाम पर ट्रैफिक सिग्नल का घिनौना खेल-खेला गया है।
इस के लिए आप को मनपा /सांबा /कार्य /६२/२०१८-१९ दिनाक १३/७/२०१८ को समझना होगा। इस कार्य आदेश में ३/७/२०१८ से लेकर २/६/१९ तक विविध ठिकाणो पर नया सिग्नल यंत्रणा बैठने का काम दिया गया। यहाँ आपको "विविध" का अर्थ समझना अनिवार्य होगा। "विविध" का मतलब अनेक जगह जिसका कोई स्थान निश्चित नहीं है। ...... यह अधिकारी इतने शातीर है इन्हे साल भर पहिले फलाना काम ख़राब होने वाला है इसकी पूर्व सुचना होती है।
महानगर पालिका द्वारा टेंडर क`क्रमांक २४३११८_१ अंतर्गत मिरा भायंदर के महानगर के हद्द में विविध जगहों पर सिग्नल यंत्रणां व सोलर ब्लिंकर बैठाने हेतु निविदा मंगाई गई थी माननीय आयुक्त महोदय से ७/७/२०१७ को आर्थिक मान्यता व ७/१२/२०१७ को स्थाई समिति से शिफारस मजूर कराया गया।
१) १८/३/२०१९ को अमर पैलेस के पास रा.मा. क्र.`८ पर सिग्नल बैठाया। .......मूल्य ६,८३,८०७ /-एम.बी क्रमांक २३७५ पृष्ठ संख्या ६६-६९ काम का १३वा रनिंग देयक १०/३/२०१९ को कम्प्लेशन सर्टिफिकेट प्रदान कराया गया।
२) १५/३/२०१९ को अमर पैलेस के पास रा.मा. क्र.`८ पर सिग्नल बैठाया। .......मूल्य ९ ,१८ ,०१ ७ /-एम.बी क्रमांक २३७३ पृष्ठ संख्या ५६ -५८ काम का १२ वा रनिंग देयक १०/३/२०१९ को कम्प्लेशन सर्टिफिकेट प्रदान कराया गया।
१ व २ मिला कर १६०१८२४ /- का कंप्लीशन शार्टीफिकेट दिया गया। जिसमे मनपा को एस्टीमेट मूल्य से कम ४३७/- रुपये का बचत हुआ।
क्या वहा २०१९ से पहले ट्रैफिक सिग्नल नहीं था ? अगर था तो वह कहाँ गया ?१६०१८२४/- मूल्य का नया सिग्नल बैठने के नाम पर घांधली हुई है।
३) ८/१/२०१९ को निलकमल जंग्शन के पास रा.मा. क्र.`८ पर सिग्नल बैठाया। .......मूल्य ९ ,०२ ,४६४/-एम.बी क्रमांक २३७५पृष्ठ संख्या ५० -५२ काम का ८ वा रनिंग
४) २३/१/२०१९ को निलकमल जंग्शन के पास रा.मा. क्र.`८ पर सिग्नल बैठाया। .......मूल्य ७,७५ ,३२१/-एम.बी क्रमांक २३७५ पृष्ठ संख्या ५६ -५९ काम का १० वा रनिंग देयक २३ /१ /२०१९ को कम्प्लेशन सर्टिफिकेट प्रदान कराया गया। ३ व ४ मिला कर १६,७७,७६५/- खर्च कर कंप्लीशन शार्टीफिकेट दिया गया। जिसमे मनपा को एस्टीमेट मूल्य से २७६ /- रुपये का बचत हुआ। भई ईमानदारी की भी हद हो गयी १६,७७,७६५ /- मूल्य का नया सिग्नल बैठने के नाम पर घांधली हुई है।
५) ०८/०१/२०१९ को कल्पतरु चौक पर सिगनाक बैठाया गया जिसका मूल्य ८,१९,३८८ /-एम बी क्रमांक २३७५/पृष्ठ ५३-५४ काम का ९वा रनिंग देयक
६) २४ /०१/२०१९ को कल्पतरु चौक पर सिगनाक बैठाया गया जिसका मूल्य ७ ,७४ ,४४४ /-एम बी क्रमांक २३७५/पृष्ठ ६० -६३ काम का ११ वा रनिंग देयक अदा किया गया। ५ व ६ मिला कर १५ ,९३ ,७९४ /- खर्च कर कंप्लीशन शार्टीफिकेट दिया गया। जिसमे मनपा को एस्टीमेट मूल्य से ३३१९ /- रुपये का बचत हुआ। भई यहाँ तो ईमानदारी की भी हद हो गयी १५ ,९३,७९४,/- मूल्य का नया सिग्नल बैठाने के नाम पर घांधली हुई है।
७) १/१२/२०१८ को पेनकर पाड़ा प्रभाग क्रमांक १६ में सोलर ब्लिंकर बैठाया गया जिसका मूल्य ८,७७,५७७,/-एम.बी. क्रमांक २३७५ पृष्ठ संख्या १९ से २५ काम का ७वा रनिंग देयक अदा किया गया।
८,७७,५७८ /- खर्च कर कंप्लीशन शार्टीफिकेट दिया गया। जिसमे मनपा को एस्टीमेट मूल्य से १७७५ /- रुपये का बचत हुआ। भई यहाँ तो ईमानदारी की भी हद हो गयी ८,७७,५७८ /- मूल्य का सिग्नल पर नया ब्लिंकर बैठाने के नाम पर घांधली हुई है।
८) ८/१०/२०१८ को छत्रपति शिवजी महाराज मार्ग पर वीर सावरकर चौक के सिग्नल को दुरुस्त करने के नाम पर २,९४,८४९ /-का भुगतान किया गया। जिसका एम बी क्रमांक २३७५ पृष्ठ क्रमांक १ से ३ दुरुस्ती के नाम पर भुगतान किया गया। ८/१०/१८ लो इस काम का कंप्लीशन सार्टिफिकेट प्रदान क़िया गया।
जब नया काम का टेंडर दिया गया थो दुरुस्ती के नाम पर इसी कार्य आदेश में क्यों भुगतान किया गया जब की वार्षिक दुरुस्ती के नाम वार्षिक देखभाल हेतु ठेका प्रति वर्ष किया गया होता है।
९) ८/१०/२०१८ को छत्रपति शिवजी महाराज मार्ग पर सिल्वर पार्क चौक के सिग्नल को दुरुस्त करने के नाम पर ३ ,२७ ,८२८ /-का भुगतान किया गया। जिसका एम बी क्रमांक २३७५ पृष्ठ क्रमांक ४ से ६ दुरुस्ती के नाम पर भुगतान किया गया। ८/१०/१८ लो इस काम का कंप्लीशन सार्टिफिकेट प्रदान क़िया गया।
जब नया काम का टेंडर दिया गया थो दुरुस्ती के नाम पर इसी कार्य आदेश में क्यों भुगतान किया गया जब की वार्षिक दुरुस्ती के नाम वार्षिक देखभाल हेतु ठेका प्रति वर्ष किया गया होता है।
१०) १० /९ /२०१८ को रामक`८ प्रसाद होटल चौक के सिग्नल को दुरुस्त करने के नाम पर १ ,८८ ,९०४ /-का भुगतान किया गया। जिसका एम बी क्रमांक २३७५ पृष्ठ क्रमांक ५३ से ५५ दुरुस्ती के नाम पर तृतीय देयक भुगतान किया गया। १० /९ /१८ को इस काम का कंप्लीशन सार्टिफिकेट प्रदान क़िया गया।
जब नया काम का टेंडर दिया गया थो दुरुस्ती के नाम पर इसी कार्य आदेश में क्यों भुगतान किया गया जब की वार्षिक दुरुस्ती के नाम वार्षिक देखभाल हेतु ठेका प्रति वर्ष किया गया होता है।
११) १० /९ /२०१८ को रामक`८ वर्सोवा जंगशन के सिग्नल को स्तान्तरित करने के नाम पर ३,५०,६७८/-का भुगतान किया गया। जिसका एम बी क्रमांक २२८२ पृष्ठ क्रमांक ४७ से ५० स्तान्तरित के नाम पर तृतीय देयक भुगतान किया गया। १० /९ /१८ को इस काम का कंप्लीशन सार्टिफिकेट प्रदान क़िया गया।
१२) १० /९ /२०१८ को रामक`८ काशीमीरा जंगशन के सिग्नल को दुरुस्त करने के नाम पर १ ,७४ ,९००/-का भुगतान किया गया। जिसका एम बी क्रमांक २२८२ पृष्ठ क्रमांक ५१ से ५२ दुरुस्त के नाम पर द्वितीय देयक भुगतान किया गया। १० /९ /१८ को इस काम का कंप्लीशन सार्टिफिकेट प्रदान क़िया गया।
१३) १० /९ /२०१८ को छत्रपति शिवजी मार्ग के दीपक अस्पताल जंगशन के सिग्नल नया यंत्रणा व पोल बैठने के नाम पर ४ ,१० ,२७३ /-का भुगतान किया गया। जिसका एम बी क्रमांक २२८२ पृष्ठ क्रमांक ५६ से ५९ पर चौथा देयक भुगतान किया गया। १० /९ /१८ को इस काम का कंप्लीशन सार्टिफिकेट प्रदान क़िया गया।
क्या दीपक अस्पताल सिग्नल पर पहले यंत्रणा नहीं थी ? क्या पहले यहाँ सिग्नल थी तो पुनः इस को क्यों बैठाया गया पुराना पोल कहा है ?
सिर्फ यहाँ काका को चाचा ,चाचा को काका कह लोगो के टेक्स के पैसो से साथ मिलकर खुल कर लुटा गया है।
इसी प्रकार यूटिलिटी इंटरप्रजेस को वार्षिक सिंग्नल वार्षिक देखरेख व दुरुस्ती के लिए मनपा /संबा /कार्या /९६/१८-१९ दिनक १/८/१९ को २५,८५,०००/- टेंडर आईडी क्रमांक २५१३१७_१ के माध्यम से मनपा हद्द में गोल्डन नेस्ट , दीपक अस्पताल , शिवर गार्डन ,कनकिया ,एस के स्टोन , सिल्वर पार्क , प्लेजेंट पार्क , पूनम सागर ,रसाज जंगसन , सेक्टर ११ , मैक्सस मॉल के सिग्नलों को वार्षिक देखभाल व दुरुस्त करने हेतु काम दिया गया। जिसमे यह सभी विद्युत /सार्व ईमारत/जनरेटर दुरुस्ती लेखा शीर्ष का फण्ड विशेष महासभा के अनुमति दी गयी कारन आप समझ गए होंगे। जिसमे २ बार ९,९९,१८८, व ९,९२,७८६/- का भुगतान एमबी क्रमांक २३७५ पृष्ठ संख्या ७६ से ७९ दिनाक १९/३/१९ व ११/१०/१८ को इसका भुगतान कराया गया।
मनपा /संबा /कार्या /४४/१७-१८ दिनाक १६/५/२०१८ मनपा छेत्र में पंडित भीमसेन अस्पताल में लिफ्ट की वार्षिक देखभाल हेतु २,७५ ,००० /- काम दिया गया। व मनपा /सांबा /कार्या /६४/२०१८-१९ दिनाक ०३/०७/२०१८ इसी कंपनी के माध्यम से मुख्य कार्यालय सार्व इमारती नगरभवन , विविध स्कुल ,प्रभाग कार्यालय उद्द्यान इत्यादि स्तनों पर पानी शुद्धिकरण मशीन की वार्षिक देखभाल के नाम पैर ६,०००००/- का काम दिया गया। ३/७/१८ से २/९/१८ तक का दिया गया।
तथा मीरा रोड में विविध जगहों पर सोलर लाईट ब्लिंकर क़े वार्षिक देखभाल व दुरुस्ती के नाम पर ५,५०,०००/- का मनपा /संबा /कार्या /६५/२०१८-१९ दिनांक ०३/०७/२०१८ को यह काम का कार्यादेश दिया गया।
महानगर पालिका जब जब कंप्लीशन सार्टिफिकेट किसी ठेकेदार को दिया गया है उसमे काम समाप्ती की तारीख व आगे आने वाले तीन सालो तक कोई भी त्रुटि या खराबी आने पर मुफ्त में रिपेयर व तीन सालो तक उसका मुफ्त में रिपेयर करने की जबाबदारी उस कंपनी की होती ये लिखा होता भी फिर भी मररमत के नाम पर लाखो रूपये के न्यारे व्यारे नए मूल्यों ज्यादा का मररमत के नाम पर यह सिर्फ कागजो में कर डालते है.
ऐसे अनेको काम इस कंपनी को दिए गए है जो सिर्फ कागजो में सिमट कर रह गए है जहा जमीं पर उतरे है वहा बड़ी संख्या में मूल्यों से साथ व क्वालिटी से साथ समझौता हुआ है जिसक सीधा सीधा फायदा दीपक खंबित और प्रशांत जानकर को पंहुचा है।
१) सार्वजानिक बांधकाम में इनकी ही कंपनी?
२ ) विध्युत विभाग में इनकी ही कंपनी ?
३) गार्डन विभाग में इनकी ही कम्पनी ?
४) सुरक्षा एजेंसी में भी इनकी ही कंपनी ?
५ ) घन कचरा व्यवस्थापन में इनकी ही कंपनी ?
६) पानी विभाग में इनकी ही कम्पनी ?
७) सड़क बनाने में भी इनकी ही कम्पनी ?
८ ) त्रिपक्षीय जाँच में इनकी ही कम्पनी ?
९ ) ओसी देने के नाम पर विध्युत विभाग (साबा) द्वारा सोलर वाटर हीटर हेतु एक हस्ताक्षर की क़ीमत ५०,०००/- से ८०,०००/- हो चूका है।
नाम कहो तो यह भी बता दे कि किस किस कम्पनी के साथ इनका साथ गाठ है या जांच एजेंसी के लिए भी हम कुछ कार्य छोड़े देते है।
अब और कितना जनता को लुटोगे साहब ?
मेरा सवाल ?
क्या इस भारत देश को अंग्रेजो कि तर्ज पर नौकरशाह (काले अंग्रेज ) जनता कि गाढ़े खून पसीने की कमाई को लूटकर अपना घर भरते रहेंगे और जनता अपने आप को इनके हाथो में लुटती हुए मूक दर्शक बन कर देखती रहेगी ?
क्या अब भी भारत देश व महारष्ट्रा की जाँच एजेंसी सीबीआई ,आयकर विभाग ,आईबी ,आय से ज्यादा की संपत्ति लगभग २००० हजार से ज्यादा की चल अचल तथा अनेको कम्पनी खोल कर जनता लूटने वाले इस अधिकारी की जांच करेगी ?
कहा गये ५६" का सीना वाले हमारे प्रधानमंत्री , वित्तमंत्री और ईमानदार महारष्ट्र के मुख्यमंत्री जी श्री देवेन्द्र फडणवीस जी व लोकायुक्त ?
क्या आप को भी आप का हिस्सा मिल चूका है ?
है किसी माँ के लाल में इतनी हिम्मत जो इन के द्वारा किये गए सभी कार्यो की जाँच कर सके ?
संतोष कुमार तिवारी
सुचना अधिकार कार्यकर्ता
तथा समाज सेवक
९८२०२२८६२१/९४७३७३४४८७
(अधिक जानकारी और दस्तावेज साक्ष्य के लिए आप ऊपर दिए गए नम्बरो पर संपर्क कर सकते है।)
इस पोस्ट को इतना ज्यादा से ज्यादा शेयर करे की यह खबर भारत सरकार व महाराष्ट्र सरकार तथा जन जन तक मेरी आवाज पहुंच जाय।
धन्यवाद्
Comments
Post a Comment