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महाराष्ट्र : ठाणे, मीरा भयंदर महानगरपालिका, टैक्स भरे जनता माल काटे अधिकारी मलाई खाए ठेकेदार, नीचे दिए गए फोटो में आप मीरा भयंदर महानगर पालिका द्वारा लाखों रुपए खर्च कर जनता के पैसे से ठेकेदार और अधिकारी कमीशन खोरी कर लागत मूल्य से अधिक रुपयों का संसाधन जनता के लिए कम अपने लिए ज्यादा करने में दिन रात लगे रहते हैं। तकरीबन 1 महीने से मैं देख रहा हूं कि गोल्डन  नेस्ट सर्कल पर लाखों रुपए खर्च कर हाई मास्क लाइट लगाया गया है जिसमें 13 में से सात लाइटें बंद है तथा उसी के बगल में नया नगर जाने वाले रास्ते पर हाई मास्क लगभग सभी लाइटें बंद है वहां से लेकर मैक्सिस मॉल ब्रिज के ऊपर हर अल्टरनेटिव लाइट बंद है मैक्सिस मॉल सर्कल का सिग्नल भी गरीबन दो ढाई महीने से यही हाल है इस सर्कल से सिग्नल से लेकर सुभाष चंद्र मैदान तक रास्ते में पड़ने वाले अल्टरनेटिव लाइट ज्यादातर बंद ही रहती है। किसी को कोई पडी नहीं है यह देख कर बहुत कष्ट होता है। गोल्डन में सर्कल काशीमीरा आते समय दीपक हॉस्पिटल सर्कल पर भी सिग्नल लाइट काफी दिनों से बंद पड़ा है अब सवाल बंद चालू का नहीं है मीरा भाईंदर महानगरपालिका ...

आरटीआई से खुला राज "आज तक आये सभी आयुक्त ने भी नहीं निभाया अपनी जिम्मेदारियाँ।"

भारत का सबसे भ्रस्ट  महानगर पालिका बनाने का जिम्मेदार कौन ?

आज खुलेगा इस रहस्य से पर्दा , सुचना में मिले दस्तावेज। 

किस किस ने कैसे और क्यों लुटा इस महानगर को ? 

इस भरस्टाचार को देख क्या रही अधिकारिओ की भूमिका  ?


संतोष कुमार तिवारी 
(सूचना अधिकार कार्यकर्ता )
9820228621 /9473734487 

खोलेंगे आज सबसे बड़ा राज


भस्टाचार , भ्रस्टाचार , भ्रस्टाचार आये दिन समाचार पत्रों , डिजिटल न्यूज़ चैनलों तथा प्रधान मंत्री से लेकर राज्य सरकारों के हर महकमों एव यहा तक केंद्र सरकार  तक ऑनलाइन शपथ लेने तक की कवायत कर रही है।  सम्पूर्ण भारत में ईमानदारी की पाठशाला चलाई जा रही है।  यहा तक की "प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट १९८८" को संशोधन किया गया।  परंतु यह किस चिड़िया का नाम है ?
आज तक जनता इससे रूबरू होती नहीं है या सरकार  होने देना नहीं चाहती है "यह अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न है। मीरा भायंदर शहर महानगर पालिका के विषय में आये दिन अपने अपने समाचार के माध्यम कुछ ईमानदार पत्रकार लगातार यहाँ हो रहे भ्रस्टाचार के विषय में छापटे रहते  है तथा उसकी शिकायत मनपा आयुक्त से लेकर आला अधिकारिओ तक को  शिकायत लिखीत करते रहते है परंतु  वही ढाक के तीन पात वाली हालत होती है। विरले ही कभी किसी अधिकारी या कर्मचारीओ पर कार्यवाही होती है , ज्यादा दबाव में आला अधिकारी विभागीय जाँच का हवाला देकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। इस सभी से प्रकरण को देखते  हुए तथा भ्रष्टाचार क्यों हो रहा है इसका निदान क्या है मैंने जाँच पड़ताल तथा कुछ अनुभवी लोगो से परामर्श करने के बाद मुख्य मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहुगा। 
  • सर्व प्रथम मैंने मनपा अधिकारिओ का क्या कार्य है इस विषय पर अध्यन किया। मुझे अध्यन में पता चला की मीरा भायंदर में कुल ६ प्रभाग जिसका जनता या आम नागरिको को सीधा सरोकार होता है। इन प्रभाग अधिकारिओ का चार मुख्य  कार्य होता है।
  1.  जनता के कर (टैक्स) के रूप मे धन वसूलना। 
  2. अपने अपने प्रभाग में हो रहे अतिक्रम को रोकना तथा कार्यवाही करना। 
  3. आम नागरिको का शिकायत लेना। 
  4. उन शिकायतों का निवारण करना। 
 इसको लेकर मैंने मीरा भायंदर के सभी प्रभागों में सुचना अधिकार -२००५ के अंतर्गत  सन २०१५ से २०१९ तक प्रत्येक प्रभागों में जनता द्वारा किये गए शिकायतों कि प्रत तथा प्रभाग कार्यालयों में प्रभाग अधिकारी द्वारा उन प्रत्येक शिकायती आवेदनों पर किये गए निवारणों की प्रत साथ में आवक - जावक रजिस्टर कि  नक़ल संन २०१५  से २०१९ तक की मांगी थी।  जिससे यह खुलासा हो सके कि क्या जनता के शिकायतों पर सभी प्रभाग अधिकारी ईमानदारी से सुनते है या नहीं। 


दस्तावेजों के अवलोकन करने से यह पता चला की इन तीन सालो में ६००० से ७००० शिकायते जनता द्वारा किये गए है इस अनुपात में ३० प्रतिशत भी शिकायतों का निवारण कर जनता को राहत  नहीं प्रदान की गयी है। 
दूसरी बात यह खुलकर सामने आयी है कि प्रत्येक प्रभाग अधिकारी के पास अपने कुछ दलाल पाले हुए है जो बारंबार प्रभाग अधिकारी के एक प्रभाग से दूसरे प्रभाग में बदली होने के बाद उनके शिकायतों का नए प्रभाग में संख्या बढ़ जाता है कहने का तात्पर्य यह है की प्रभाग अधिकारिओ के इशारे पर दलालो द्वारा शिकायत करवाकर मोटी रकम वसूली जाती है रकम ना मिलने या सेटिंग न होने की सूरत में अनधिकृत बांधकाम को तोड़ दिया जाता है। भस्टाचार के आरोप में पकड़ाने के डर से इन दलालो के माध्यम  से पैसो के लेनदेन की जाती है। प्रत्येक प्रभागों में कुछ चुनिंदे दलाल को उनकी विभिन्न शिकायतों से उनका पता लगाया जा सकता है। ऐसे चन्हित दलालो पर प्रसाशनिक कार्यवाही  अनिवार्य है और गहराई से अध्यन करने पर यह पता चला की यह दलाल साल के ३६५ दिन प्रभाग कार्यालयों तथा मनपा मुख्यालय में बेकाम के चक्कर लगते रहते है उनका कमाई का कोई जरिया अन्य नहीं है। 
इस बात को लेकर हमने प्रभाग कार्यालय ४ पर ८ नव्हंबर २०१९ को सांकेतिक धरना भी किया गया

और इसका ज्ञापन लेकर मनपा आयुक्त श्री बालाजी खातगावकर से मुलाकात की तथा मनपा प्रशासन व महारास्ट्र सरकार को ऐसे
भस्टाचार पर नकेल कसने के कुछ उपाए बताये। 




1  iSakayatao ko ilae vana ivaMDao iDjaITla naMbar lagaayaa jaae va 7 idna ko iBatr iSakayatao pr kaya-vaahI hao tqaa janata kao ]nako Wvaara ik ga[- iSakayatao ik inastarNa kr batayaa jaae.
2  7 idna sao AiQak iksaI iSakayatao pr kaya-vaahI yaa inastarNa naa haonao pr karNa batayaa jaae tqaa eosaa naa krnao pr ]sa AiQakarIyaao pr karNa bataAao naaoTIsa dokr ]icat kaya-vaahI ik jaae.
3 50 % manapa kma-caarI va 50 % maharaYT` Saasana ko kma-caarI p`Baaga AiQakarI ko $p mao tqaa baaMQakama ivaBaaga mao kinaYT AiBayaMta ko pd pr tOnaat ikyao jaae.
4 p`%yaok p`Baaga AiQakarIyaao Wvaara Apnao Apnao p`Baaga mao AnaaiQakRt baaQakama kao saPtaihk maasaIk,i~maahI,CmaahI tqaa vaaiYa-k irpao-T mau#ya kayaa-laya kao p`oiYat krnaa Ainavaaya- krnaa.
5 manapa mau#ya kayaa-laya Wvaara maaisak i~maahI CmaahI tqaa vaaiYa-k p`Baaga kayaa-layaao mao जाकर kaya- tqaa dstavaoja inairxaNa kaya- ik p`NaalaI tqaa kaya- pWQatI ka inairxaNa krnaa va ~uTI haonao pr kaya-vaahI krnaa.
6 p`%yaok maah janata ik iSakayat ka p`Baaga AiQakarIyaao Wvaara ikyaa gayaa inavaarNa ka laoKa jaaoKa mau#ya kayaa-laya mao ilaKIt jaanakarI sao Avagatkranaa Ainavaaya- krnaa.
7 p`%yaok p`Baagaao mao ek svatM~ kmaoTI gazIt kr sana 2015 sao Aae iSakayatao ka jaaMcakr daoYaI AiQakarIyaao pr karNa bataAao naaoTIsa dokr kaya-vaahI krnaa tqaa p`laMibat iSakayatao ka inastarNa krnaa.

परन्तु मनपा प्रशासन के आयुक्त श्री बालाजी खतगॉवकर पर कुछ असर दीखता नजर नहीं आ रहा है। 

हमारा दूसरा सुचना का अधिकार निम्नलिखित था कि
A.manapa Aayau@t va ]nako AiQanast AiQakarIyaao Wvaara manapa bananao sao laokr Aajatk p`%yaok p`Baaga kayaa-layaao mao dstavaoja inairxaNa ka kaya-k`ma ikyaa gayaa haotao vaYaa-nausaar ]naka irmaak- tqaa dstavaoja inairxaNa ka AadoSa Aaid ik p`t p`dana krayao.

ba.inairxaNa mao pa[- ga[- ~uTI ko baad p`Baaga AiQakarIyaao Wvaara baad mao ikyaa gayaa p~acaar va sauQaar ik p`t vaYaa-nausaar p`dana krayao.

k.dstavaoja jatna AiQainayama 2005 mao Kaimayaa payao jaanao ko baad AiQakarIyaao Wvaara p`Baaga AiQakarIyaao pr ik ga[- kaya-vaahI yaa karNa bataAao naaoTIsa ik vaYaa-nausaar p`t p`dana krayao.

Ga. Aayau@t yaa Anya AiQakarIyaao Wvaara p`%yaok p`Baagaao mao AcaaOk inairxaNa ikyaa gayaa hao tao ]saik vaYaa-nausaar p`t p`dana krayao.

जबाब देखकर आप का दिमांग चकरा जाएगा कि क्यों ना हो भरष्टाचार महानगर पालिका में।


 प्रभाग  क्रमांक १ )  प्रभाग अधिकारी श्री सुनील यादव का जबाब। 
१,२,३,४, मुद्दों पर अभिलेख उपलब्ध ना होने में दे नहीं सकते ???


 प्रभाग  क्रमांक ३  )  प्रभाग अधिकारी श्री दीपाली जोशी का जबाब। 
१,२,३,४, मुद्दों पर कौनसी भी  जानकारी उपलबध नहीं है। 
१,२,३,४, मुद्दों पर कौनसी भी  जानकारी उपलबध नहीं है। 

 प्रभाग  क्रमांक ५  )  प्रभाग अधिकारी श्री सुदाम गोडसे का जबाब। १,२,३,४, मुद्दों पर कौनसी भी  जानकारी उपलबध नहीं है। 


  प्रभाग  क्रमांक ६  )  प्रभाग अधिकारी श्री चंद्रकांत बोरसे का जबाब। 
१,२,३,४, मुद्दों पर कौनसी भी  जानकारी उपलबध नहीं है। 
 सामान्य प्रशासन मनपा द्वारा दिया गया पत्र। 
 सामान्य प्रशासन मनपा मुख्यालय द्वारा प्रत्येक विभाग प्रमुख को हमारे उपरोक्त सूचना का अधिकार द्वारा मांगे गए दस्तावेजों को देने हेतु वर्ग किया गया पत्र। 

  •  सामान्य प्रशासन के पत्र के बाद मनपा उप आयुक्त कार्यालय से उनके सचिव द्वारा बताया गया की यह जानकारी उपायुक्त मुख्यालय में  सम्बंदित है इस कार्यलय  में इस प्रकार की जानकारी दस्तावेज के महानगर पालिका स्थापना बनने से लेकर अब तक उपलबध नहीं है। 
आयुक्त कार्यालय से उनके सचिव श्री महेश भोंषले द्वारा बताया गया की इस प्रकार की जानकारी मनपा आयुक्त कायालय में नहीं है। 
  •  


     सुचना अधिकार पाथम अपील में उपायुक्त श्री सुनील लहाने द्वारा सूचना देने का आदेश दिया।  उस आदेश की प्रत। 


































उपरोक्त दस्तावेजों के निरिक्षण से यह मतलब निकल के सामने आता है की मीरा भायंदर शहर महानगर पालिका में आज तक आयुक्त ही सबसे ज्यादा भ्रष्ट अधिकारी आये है। और मनपा स्थापना होने के बाद से आज तक कोई भी आयुक्त यहापर आये सभी ने दोनों हाथो से खुल कर मनपा कोष एव  जनता के गाढ़ी कमाई के टेक्स के पैसो के साथ खुलकर खजाना लुटा है। 
किसी नहीं अधिकारी को ट्रेनिंग के द्वौरान 
"PUBLIC ADMINISTRATION"
 तथा  
"ADMINISTRATIVE AUDIT" 

१ इन दो विषयो की जानकारी का होना प्रथम विषय होता है किस तरह जनता पर उनके अधिकार पर उनके हित  को ध्यान में रखकर शाषन करना है। 

२ अपने अधीनस्थ कर्मचारीओ द्वारा जो भी प्रशासनिक कार्य है वह सही तरह से कर रहे या नहीं उनकी जाँच करना और सुचारु रूप से सरकारी प्रक्रिया के तहत कार्य करवाना।  मासिक , तिमाही ,छमाही तथा वार्षिक बताये गए कार्यो का अव्हाल अपने कार्यालय में मंगवाना तथा उन से कार्यालय में दस्तावेजों तथा किये गए कार्य का अचौक निरिक्षण करना होता है। 

यहाँ  पर सन २००२ से आज तक ११ से अधिक आयुक्त आये और चले गए परन्तु किसी ने भी अपने कर्त्वयों का सही रूप से दायित्वा नहीं निभाया।  उसका प्रत्यक्छ प्रमाण दस्तावेजों के रूप में आप के सामने है। 
जनता के पैसो से इन आयुक्तों को 6  आकड़ो में सरकारी वेतन + आवास +भत्ता +बोनस +वाहन +ड्राइवर +निजी सचिव +चपरासी +मेडिकल +अन्य सुविधाओं के साथ साथ नित्य नए विकाश के काम के नाम पर ठेकेदारों से कमीशन मिलना स्वाभाविक है  तो यह जनता के कामो पर तथा अपने कर्तयो पर ध्यान कैसे दे ? बहुत बड़ा प्रश्न है। 

इसके अलावा नगर रचना विभाग + बांधकाम विभाग +परिवहन विभाग +पानी विभाग + घन कचरा विभाग +आरोग्य विभाग + अन्य विभाग  आदि में पहले से बैठे भ्रस्ट अधिकारी जो १० से १५ सालो से एक ही विभाग में कुण्डली मार के बैठे है  उनके द्वारा खुद की कंपनी खोल व  किसी दूसरे ठेकेदारों को सामने कर अप्रत्यक्छ रूप से सरकारी वेतन पर  कंपनी चलना  आम बात हो गए है। 
जब कोई आयुक्त मनपा में आता है उसके मुख में भरस्टाचार के रक्त का स्वाद यह लगा देते है।  या उस आयुक्त का हप्ता बाँध दिया जाता है। इसमें नेता से लेकर अधिकारी तक अपनी या अपने किसी रिस्तेदार के नाम से कम्पनिया चलाकर अपना ८% से २३ % तक कमीशन लेकर जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने काम किया जाता है  और जो ईमानदार आयुक्त इस लाभ को लेते से मना करता है उसका हाल ( पूर्व आयुक्त )मा. विक्रम कुमार जैसे हो जाता है। 
इस विषय पर हमने पूर्व में भी मुख्य सचिव  श्री डी. के.  जैन महाराष्ट्र शाषन को भी पत्र लिख कर अवगत कराया था और आये भष्ट अधिकरिओ का तबादला करने की मांग ५ फरवरी २०१९  की थी। 


लेकिन आस्चर्य की बात यह है की महाराष्ट्र शाषन को शिकायत करने पर कार्यवाही करने की बजाय इस शिकायत को अपना आयुक्त कार्यालय भायंदर को रेफर  कर दिया जाता है और यहाँ पर
आयुक्त महोदय श्री बालाजी खतगावकर  महोदय कार्यवाही या अपनी रिपोर्ट शाषन  को भेजने के बजाय बांधकाम विभाग के श्री दीपक खंबित द्वारा इसका जबाब इस पत्र के माधयम से गुमराह किया जाता है आज तक यह नहीं समाज आया की आयुक्त बड़ा अधिकाती है या
कार्यकारी अभियंता बांधकाम विभाग के श्री खंबित जी।  इसकी शिकायत मा. लोक आयुक्त महोदय के पास प्रलंबीत  है

यह सब मै  आप सभी भाईओ के जानकारी हेतु बता कर अवगत कराना चाह्ता  था की आप लोग कितना भी भ्रस्टाचार को लेकर अपने पेपर में छापिए , हो हल्ला मचाईये जब  तक प्रशाषनिक इच्छा शक्ति सरकार  की ना होतो तब तक भ्रस्टाचार पर लगाम नहीं लगाया जा सकता।  ईमानदारी तो सभी को अच्छी लगती है पर ईमानदार कोई नहीं बनना चाहता ? क्यों 

जब तक महरास्ट्र सरकार  या केंद्र सरकार  ऐसे आयुक्तों पर अंकुश नहीं लगाती तब तक यह असंभव है। 

आशा है की आप लोगो को मेरी बात समझ आ गयी होगी अपना समय और शिकायत कही भी करते रहने से कुछ नहीं होने वाला कारन की यह पैसा ऊपर तक जाता है। 


संतोष कुमार तिवारी 
सुचना अधिकार  कार्यकर्ता 

9820228621 

९८२०२२८६२१ /9473734487 



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