महाराष्ट्र : ठाणे, मीरा भयंदर महानगरपालिका, टैक्स भरे जनता माल काटे अधिकारी मलाई खाए ठेकेदार, नीचे दिए गए फोटो में आप मीरा भयंदर महानगर पालिका द्वारा लाखों रुपए खर्च कर जनता के पैसे से ठेकेदार और अधिकारी कमीशन खोरी कर लागत मूल्य से अधिक रुपयों का संसाधन जनता के लिए कम अपने लिए ज्यादा करने में दिन रात लगे रहते हैं। तकरीबन 1 महीने से मैं देख रहा हूं कि गोल्डन नेस्ट सर्कल पर लाखों रुपए खर्च कर हाई मास्क लाइट लगाया गया है जिसमें 13 में से सात लाइटें बंद है तथा उसी के बगल में नया नगर जाने वाले रास्ते पर हाई मास्क लगभग सभी लाइटें बंद है वहां से लेकर मैक्सिस मॉल ब्रिज के ऊपर हर अल्टरनेटिव लाइट बंद है मैक्सिस मॉल सर्कल का सिग्नल भी गरीबन दो ढाई महीने से यही हाल है इस सर्कल से सिग्नल से लेकर सुभाष चंद्र मैदान तक रास्ते में पड़ने वाले अल्टरनेटिव लाइट ज्यादातर बंद ही रहती है। किसी को कोई पडी नहीं है यह देख कर बहुत कष्ट होता है। गोल्डन में सर्कल काशीमीरा आते समय दीपक हॉस्पिटल सर्कल पर भी सिग्नल लाइट काफी दिनों से बंद पड़ा है अब सवाल बंद चालू का नहीं है मीरा भाईंदर महानगरपालिका ...
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निर्मल एम एम आर पंप घोटाला ( स्वछता के नाम पर अधिकारिओ की ठगी )
मै संतोष कुमार तिवारी सुचना अधिकार कार्यकर्ता हमने दिनांक 17 जनवरी 2019 को माहिती अधिकार 2005 का उपयोग करते हुए मिरा भायंदर महानगर पालिका के हद मे शौचालयो मे पानी के लिए खरिदे गये वाटर पंप कि विस्तृत जानकारिया मांगी थी।हमे मनपा के सांबा विभाग के पत्र जावक क्रमांक मनपा ्साबा ्रमाअ्र 61्र 2018 19 दिनांक 2 फरवरी 2019 के माध्यम से 1 से 296 पन्नो मे जानकारियॉ प्राप्त हुई। हमे मालुम पडा कि “निर्मल एम एम आर अभियान” के तहत उपरोक्त पंपो का व्यवहार किया गया था ।
दिंनाक 8 सितंबर 2015 को विध्युत विभाग के पत्र को माननिय आयुक्त महोदय ने प्रशासनीक व आर्थिक मान्यता लेने हेतु 29 सितंबर को आदेश दे दिये थे। मनपा के ठराव क्रमांक 71 दिनांक 15 अक्टुंबर 2015 को आर्थिक व प्रशासकीय मान्यता दिया गया था। जिसमे ……………
“मिरा भायंदर महानगरपालिका क्षेत्रात र्निमल एमएम आरअभियान अंर्तगत विविध परिसरात तसेच झोपडपटी विभागात शांैचालये बांधण्यात आलेली आहेत सदर शौचालयाचा उपयोग परिसरातील रहिवासी करत असुन त्याची देखभाल व देरूस्ती महानगर पालिका मार्फत करण्यात येते।सदर काामी ठेकेदार नियुक्त केलेला आहेत।त्यांचाकडुन सदर शौचालयाची नियमीत देखभाल करणेची काामे केली जातात।सदर कामे करणेसाठी संबधित ठेकेदारांनी त्यांचे कार्मचारी देखील नियुक्त केलेले आहेत।त्यांचाकडुन सदर शौचालयातील मौला व इतर साथसफाईचा पाण्याचा वपर करून साफ करण्यात येताता।तथापी उच्च न्यायलयाने दिलेला निर्णयानुसार सदरचा मैल गताने पाणी टाकुन साफ न करता प्रेशर पंप लावून साफ करण्यात यावा।जेणेकरून सदर ठिकाणी साफसफाई करण्याचे काम करण्यांच्या मनावर विपरीत परिणाम न होता रोगराई देखील पसरणार नाही यांची देखील खबरदारी घेण्यात यावी।तसेच शासणातर्फे राबविण्यात येणाया “स्वच्छ भारत अभियान” अर्तगत देखील सदर कामी केलेल्या कार्यवाहीचा अहवाल शासनास कळविणे बंधनकारक आहे।
तरी वरील सर्व बाबींचा विचार करता कामी प्रत्यक्ष जागेवर पहाणी करून खालील प्रमाणे अंदाजपत्रक तयार करण्यात आलेले आहे त्यानुसार मिरा भायंदर महानगरपालिका क्षेत्रात निर्मल एमएम आर अर्तगत विविध ठिकाणाच्या वस्ती स्वछतागृहांमध्ये प्रेशर पंप बसविणे व इतर आवश्यक कामे करणे कामी रू 8636886 इतका खर्च अपेक्षीत आहे सदर कामी “शौचालय्र मुताया्र मोबाईल टॉयलेट” या लेखाशिर्षखाली रू 8920298 एवढी तरदुद उपलब्ध आहे वरील कामाच्या अंदाजपत्रकाला प्रशासकिय मान्यता देण्यात येत आहे।
इससप पुर्व मनपा विध्युत विभाग के कनिष्ट अभिय्ांता तथा उपअभिंयंता तथा एक्हाुकेटीव अभियंता ने सदर काम हेतु ृएफःछश्ृ्र201र्32014्रश्र्ल्एच्तरचिलर््द्धन्ग् िइस पत्र मे सदर काम मे लगने वाले साहित्य तथा उसकि संखया सहित कुल 11 आईटमो हेतु मंजुरी ले रखी थी तथा सीटी इजिनर ने 16 अक्टुंबर को इसपर हस्ताक्षर कर फायनल मोहर लगा दी थी।
तथा कनिष्ट अभियंता तथा उपअभिय्ांता ने मिलकर इसकार्य मे लगने वाले कुल 11 सहित्यो कि संख्याओ को निश्चित कि गई परंतु इस पत्र पर दोनो के अलावा अन्य किसी अधिकारी के हस्ताक्षर व दिनांक नही है।
19 अक्टुंबर 2015 को इस काम हेतु ई टेंडर दै हमारा महानगर ्रमूबई मित्र समाचर पत्रो मे प्रसिद्व कर निवीदा ई टे्डर क्रमांक 23340 ंण्प््रप्द्वड्र263्र06्र201र्516 दिनांक 20 नब्हेंबर 2015 13ः26 मिनट पर यह निवीदा खोली गई जिसमे 1 अदित्या इलेक्टिकल्स 2 शेखर इलेक्टिकल्स 3 ए के इलेक्टिकल्स ने निवीदा भरा तथा मनपा ने कम दाम होने के कारण से मंगाई गई।
तथा मा आयुक्त महोदय से मंजुरी दिनांक 30 नब्हेंबर 2015 तथा स्थाई समीती से ठराव क्रमांक 124 दिनांक 8 जनवरी 2016 को मान्यता लेते हुए शेखर इलेक्टिकल्स को कार्यदेश क्रमांक मनपा ्रसांबा्र कार्या ्र629्र 2015 16 दिंनांक 9 फरवरी 2016 के पत्र के माध्यम से तिन दिन के अंदर काम शुरू करने तथा चार माह के अंदर कार्य समाप्त 8 जुन 2016 तक करने को कहा गया।
उपरोक्त विषय के काम को लेकर मनपा आायुक्त तथा शेखर इलेक्टिकल्स के बिच 9 फरवरी 2016 को करारानामा पर हस्ताक्षर भी हो जाता है परंतु यहा करारानामा पर पैसा तथा क्या काम करना है आदि का कोई जिक्र विस्तृत मे नही लिखा गया है तथा यह गुमराह करने वाले दस्तावेज है।
9 फरवरी 2016 को शेखर इलेक्टिकल्स ने संपुर्ण कार्य 4 माह के बजाय एक माह मे ही करते हुए मिरा भायंदर के एक्जुटिव इंजिनियर को अपना कार्य समाप्त कर लिया तथा हमे हमारा फायनल बिल का भुगतान जल्द से जल्द करवाने हेतु अपने लेटर हेड पर पत्र दिया जाता है।
9 फरवरी 2016 को उसी दिन कनिष्ठ अभियंता उपअभियंता एक्जुटिव अभियंता तथा शहर अभियंता सभी मिलकर एक साथ कांन्ट्रेक्टर बिल पर हस्ताक्षर कर देते है यहा भी किसी अधिकारीयो के हस्ताक्षर पर दिनांक मुद्र्रित नही है ।
माननीय एक्जुटिव इंजिनियर द्ववारा कंपलीशन सार्टिफिकेट भी शेखर इलेक्टिकल्स को दे दिया जाता है तथा इस पत्र मे कोई दिनांक अंकित नही है कि यह पत्र कब तथा किस पत्र क्रमांक से दिया गया है एैसा पत्र जारी करना भी संदेह के घेरे मे है तथा एक्जुटिव इंजिनियर पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
जब हमने एक्सेस स्टेटमेन्ट कि प्रत देखा तो पता चला कि अंको का हेरफेर कर समानो कि संख्या मे हेराफेरी कर टोटल को मिला कर मनपा को 443 रूपये बचत मे दिखाया गया है। तथा साथ ही 120 मोटर पंप के बजाय 70 पंप ही मनपा क्षेत्र मे लगाये गये है। पहले 360 प्र ैशरगन कि अप्रुवल लेकर कि 210 लगाकर हिसाब किताब बराबर किया गया है।अब हम आपको गौर करने वाली बात बताते है “पंप मे दो फंडा होता है एक तरफ से पानी आता है और दुसरी तरफ से निकालता है जब 70 ही पंप लगाये गये तो 70 ही आऊटलेट पर ही हाई प्रेशर गन लगाये जायेगे।” उसी तरह एमसीबी व एलसीबी तथा 120 मोटर पंप को बैठाने मे लगने वाले सहित्य के हिसाब से उनकि संख्या निर्धारित कि गई थी परंतु जब 70 ही पंप बैठाये गये तो 50 पंपो मे लगने वाले सामन तथा लागत मुल्य कम ना दिखाकर मिलकर ठेकेदार शेखर इलेक्टिकल्स के साथ सभी अधिकारीयो ने मनपा के कोष को चुना लगाया है।
आपके जानकारी हेतु यहा यह बताना चाहुगा मिराभायंदर महानगरपालिका मे अनेक वर्षो से यहा पैर जमाये अधिकारीयो ने यहा भ्रष्टाचार कि सारी सीमाये लांघे हुए है कई कई वर्षो से इनका यहा से तबादला तक नही हुआ है तथा यह सभी स्वंय कि फर्जी कंपनिया खोल कर सिर्फ कागजो मे ही कार्य अंजम देते आ रहे है।तथा कई अधिकारी लाचलुपत विभाग के हथ्थे भी चढे हुए है।
इसी क्रम मे श्री प्रशांत जानकर कनिष्ठ अभिय्ांता विध्युत विभाग को सन 2011 मे ठाणे कि एंन्टी करप्शन विभाग ने रिश्वत लेते हुए पकडा था हाला कि यह पैसा अपने आकाओ के इशारे पर लिया गया था।अपने आकाओ को बचाने के लिए स्वय को बली चढना पडा तब के तत्कालिन आयुक्त ने एक कार्यालीन पत्र निकाल कर इन्हे पैसे के स्थान पर तथा किसी भी कर्मचारी को रिश्वत लेने पर एैसे स्थान पर नही रखने का आदेश जारी किया गया था। तब मनपा्रअस्था्र145्र 204्र 2014 15 दिनांक 20्र 5्र2014 को मनपा शासन निर्णय 14 अक्टुंबर 2011 के दिये गये निर्देशानुसार 20 फरवरी 2014 को निलंबन आढावा समिती के द्ववारा शिफारस तथा आयुक्त के 15 मई 2014 के मान्यतानुसार श्री प्रशांत जनकर कि नियुक्ति मनपा के “घनकचरा व्यावस्थापाना” के विभाग मे कर दि थी ।
तथा पुनः मनपा के सामान्य प्रशासनिक विभाग के पत्र क्रमांक मनपा्र सा प्र व्रि379 ्र2015 दिनांक 20 मई 2015 को पुनः सार्वजनिक बांधकाम बिभाग मे पदस्थ कर दिया गया।तब से लेकर अबतक विध्युत बिभाग मे अनेक ठेकेदारो से साठागांठ कर इनका धंधा अपने आकाओ के छत्रछाया मे खुब फलफुल रहा है. मेरा प्रशासन से विनंती है कि इस विषय पर ध्यान देते हुए इस “निमर्ल एम एम आर अभियान” मे हुए धांधली मे साबा के सभी चारो अभियंताओ से जांच कर कठोरसे कठोर कार्यवाही करे तथा शेखर इलेक्टिकल्स को ब्लैक लिस्ट करते हुए संबंधित पुलिस स्टेसन मे अधिकारीयो सहित गुन्हा दर्ज कराये।
खांबीत के "खंभे" पर अटकी जानकर की "जान " आरटीआई के"४४0 वोल्ट" के झटके से ठेकेदार "बेहाल " महाराष्ट्र के जिला ठाणे , मिरा भायंदर कि महानगर पालिका जो सन २००२ में नगरपरिषद से महानगर पालिका बनकर अस्तित्व में आयी। मुंबई से सटे होने के कारण लोगो का झुकाव इस तरह दिन दुगनी बढ़ने लगा। जनसँख्या के साथ साथ लोगो के जरुरी संसाधन जुटाने का काम यहाँ कि नगर पालिका पर प्रतिदिन बढ़ने लगा। जिसमे सड़क ,बिजली ,जल ,घनकचरा और साथ ही साथ अतिक्रमण। पहले ग्राम पंचायत फिर नगर परिषद् / नगर पालिका अब मिरा भायंदर "महानगर पालिका" बनने से आवश्यक जनउपयोगी संसाधन जुटाने हेतु कर्मचारीओ की कमी पड़ने पर कर्मचारीओ कि नियुक्ति ठेका पद्धत से पालिका करने लगी। कुछ चतुर प्रवत्ति तथा चापलूसी प्रवत्ति के ठेका पद्दत से आये "ठेका अधिकारी" यहाँ की राजनीती को समय के हिसाब से समझ कर "समय - समय" पर जनता द्वारा चुने गए "नेताओ " कि चाटुकारिता कर पक्ष व् विपक्ष के दलों के भावनाओ से साथ "आर्थिक व मानसिक" साथ देकर जल्द ही नेताओ के ल...
भारत का सबसे भ्रस्ट महानगर पालिका बनाने का जिम्मेदार कौन ? आज खुलेगा इस रहस्य से पर्दा , सुचना में मिले दस्तावेज। किस किस ने कैसे और क्यों लुटा इस महानगर को ? इस भरस्टाचार को देख क्या रही अधिकारिओ की भूमिका ? संतोष कुमार तिवारी (सूचना अधिकार कार्यकर्ता ) 9820228621 /9473734487 खोलेंगे आज सबसे बड़ा राज भस्टाचार , भ्रस्टाचार , भ्रस्टाचार आये दिन समाचार पत्रों , डिजिटल न्यूज़ चैनलों तथा प्रधान मंत्री से लेकर राज्य सरकारों के हर महकमों एव यहा तक केंद्र सरकार तक ऑनलाइन शपथ लेने तक की कवायत कर रही है। सम्पूर्ण भारत में ईमानदारी की पाठशाला चलाई जा रही है। यहा तक की "प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट १९८८" को संशोधन किया गया। परंतु यह किस चिड़िया का नाम है ? आज तक जनता इससे रूबरू होती नहीं है या सरकार होने देना नहीं चाहती है "यह अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न है। मीरा भायंदर शहर महानगर पालिका के विषय में आये दिन अपने अपने समाचार के माध्यम कुछ ईमानदार पत्रकार लगातार यहाँ हो रहे भ्रस्टाचार के...
मिरा भायंदर महानगर पालिका मे अवैध मोबाईल टावरो कि भरमार।। महानगर पालिका अधिनियम 1949 का कालम 260 का हवाला देकर प्रभाग अधिकारीयो ने कि जेब भारी। मिरा भायंदर : सुचना अधिकार कार्यकार्ता संतोष कुमार तिवारी ने मिराभायंदर महानगर पालिका मे वर्ष 2016 मे सुचना अधिकार के तहत मनपा श्रेत्र मे लगे अनाधिकृत मोबाईल टावरो कि लिस्ट जो टीआरआई व मा. उच्च्यतम न्यायालय के दिशानिर्देश के विपरीत है मांगी थी। आपको जानकारी हेतु यह जानना अत्यंत आवश्तयक है कि मनपा नगररचना विभाग ने पत्र क्रमांक मनपा/नर 3191/ 16- 17 दिनांक 15/10/2016 को स्वय मनपा उप आयुक्त को पत्र लिखकर शासन के पत्र क्रमांक मिभाम /1316/107 /नवि – 28 दिनांक 17/6/16 व 17 5/16 के पत्र के जबाब मे माना था कि मनपा क्षेत्र मे परवानगी प्राप्त 55 मोबाईल टार्वस तथा मुद्वतवाढ ना लेने के कारण अनाधिकृत 224 व मोवाईल टावर्स का परवानगी सवंधित विभाग के पास अर्ज त्रुटी के कारण नामंजुर 336 हुए है।मनपा इन मोबाईल टावरो मे जो मोबाईल कंपनीया बंद हो चुकि है उन...
भारतरत्न पंडित भीमसेन जोशी "टेम्बा" अस्पताल में चलता है "रामराज्य" प्रशासन बेखबर , डॉक्टर मालामाल। रामराज्य का मरीजों को होता है खुला अनुभव : अज्ञानता वश यहाँ मरीज का हो रहा है बुरा हाल। मिरा - भायंदर , ठाणे : अभी हाल में ही मिरा भायंदर मनपा द्वारा संचालित टेम्बा अस्पताल को महाराष्ट्र शाषण ने टेक ओवर किया। यहाँ लगभग १४ लाख से ऊपर की आबादी को पहला सरकारी अस्पताल मिला। फिर भी पहले से रामराज्य का आदत यहाँ के डाक्टरों कि नहीं गयी है। यहाँ कि मनपा पहले से ही विवादों में घिरे रहने तथा भ्रस्टाचार से मनपा का चोली दामन का साथ रहा है। फिर यह आदत इतने जल्दी कैसे जाने वाली है। इस अस्पताल की नींव ही भ्रस्टाचार पर कड़ी है चाहे वह अस्पताल बनवाने का ठेका हो या एम्बुलेंस या फिर अन्य बुनियादी जरूरतों के सामान खरीदना हो यहाँ २३% मूल्य का रकम किसी खास व्यक्ति को चढ़ावा के बिना कोई ठेका नहीं मिल सकता तो फिर वह ठेकेदार कैसे सामान का उपयोग करेगा इसका भगवान ही मालिक है। इसके बाद आयुक्त से लेकर बांधकाम के-अधिकारी से नगर सेवक तक को प्रसाद चढ़ा...
वरिष्ठ शिवसेना नगर सेविका व सभापति प्रभाग ४ (मनपा ) श्रीमती तारा घरत महाराष्ट्र : ठाणे,मिरा -भायंदर महानगर पालिका को अपने चुंगल में ले चुके दीपक खंबित ने भाजपा द्वारा शिवसेना को युति के नाम पर घोटा लोकतन्त्र का गला। "खंबित का खेल" ( भाजपा ने युति के नाम पर घोटा लोकतंत्र का गला, किया शिवसेना से विश्वास घात ) महारष्ट्र में शिवसेना भाजपा दोनों मिलकर हमेशा सरकार बनाने के कारण छोटे भाई और बड़े भाई की भूमिका में रहती है। यह विधान सभा में आपसी विरोध के कारण दोनों हो पार्टिया सन २०१४ अगल अलग चुनाव लड़ी। मिरा भायंदर महानगर में एक छत्र राज चलाने वाले "कार्यकारी अभियंता श्री दीपक खंबित "द्वारा हमेशा से ही लुटा जाता रहा है। "आचार सहिता" से पूर्व खेला गया पूर्व नियोजित तरीके से भरस्टाचार का खेल। इस की विस्तृत जानकारी के लिए इस लिंक पर जाये। दीपक खंबित का खेल : https://rtiactivistsantoshtiwari.blogspot.com/ कमेटी के मीटिंग अचानक मीरा भायंदर नगर पालिका में दिनाक ६/सितम्बर २०१९ को ...
सौर ऊर्जा के नाम पर भ्रस्ट अधिकारिओ का का ला सच प्रेस नोट अंधेर नगरी चौपट राजा , तु भी खायेजा हम भी खायेजा । ......... मिरा भायंदर महानगर पालिका में सौर ऊर्जा घोटाला क्यों है महाराष्ट्र की यह महानगर पालिका कंगाल ???? में मिराक्लस इलेक्ट्रॉनिक्स सोल्युशन इंडिया प्रा लि का क्या है इस खेल में कंनेक्शन ?? वैसे तो मिरा भायंदर महानगर पालिका का सार्वजनिक बांधकाम विभाग संपूर्ण महाराष्ट्र में भ्रस्टाचार के मामले में अव्वल नंबर पर आता है। इसमें आपको कोई अतिसूक्ति नहीं होनी चाहिए। इस खेल के लिए अधिकारी ठेकेदारों के मार्फ़त अपनी आय को दुगना और चार गुना करने में दिनरात प्रयत्नशील रहते है। भरष्टाचार के दो मुख्य चेहरे Mr.Prashant Jankar ( Jr...
भारत में भ्रष्टाचार अंग्रेजों ने भारत के राजा महाराजाओं को भ्रष्ट करके भारत को गुलाम बनाया। उसके बाद उन्होने योजनाबद्ध तरीके से भारत में भ्रष्टाचार को बढावा दिया और भ्रष्टाचार को गुलाम बनाये रखने के प्रभावी हथियार की तरह इस्तेमाल किया। देश में भ्रष्टाचार भले ही वर्तमान में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार ब्रिटिश शासनकाल में ही होने लगा था जिसे वे हमारे राजनेताओं को विरासत में देकर गये थे। चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय संसद में इस बात पर बहस भी होती थी। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने जो भाषण दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। उस वक्त डॉ लोहिया ने कहा था " सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। " भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़...
संतोष तिवारी (सुचना अधिकार कार्यकर्ता ) 15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया और पूर्णतया 12 अक्टूबर 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू कर दिया गया। सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है। लोकतंत्र में देश की जनता अपनी चुनी हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन कालान्तर में अधिकांश राष्ट्रों ने अपने दायित्वों का गला घोटते हुए पारदर्शिता और ईमानदारी की बोटियाँ नोंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी और भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े कीर्तिमान कायम करने को एक भी मौक अपने हाथ से गवाना नहीं भूले। भ्रष्टाचार के इन कीर्तिमानों को स्थापित करने के लिए हर वो कार्य किया जो जनविरोधी और अलोकतांत्रिक हैं। सरकारे यह भूल जाती है कि जनता ने उन्ह...
भारत से कई साल पहले शुरू हुआ था पाकिस्तानी स्पेस प्रोग्राम पाकिस्तानी 'सुपारको' की स्थापना 1961 में हुई थी जबकि भारतीय 'इसरो' की स्थापना करीब इसके 8 साल बाद 1969 में हुई थी. पाकिस्तान लंबी लंबी बातें तो बहुत करता है. अंतरिक्ष को लेकर भी उसने भारत से कहीं पहले अपने स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत की थी लेकिन अब तो इस मामले में इतना पिछड़ चुका है कि जब वो अंतरिक्ष या चांद पर जाने की बात करता है तो खुद उसके देश के लोग ही उसकी हंसी उड़ाने लगते हैं. आखिर क्यों पाकिस्तान अंतरिक्ष के मामले में टांय-टांय फिस्स हो गया. हम सब ये जानते हैं कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो दुनिया की सबसे ताकतवर स्पेस एजेंसियों में से एक है. लेकिन क्या आपने पड़ोसी देश पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी सुपारको के बारे में सुना है.बहुत कम लोगों को मालूम है कि भारत से कई साल पहले शुरू हुआ था पाकिस्तानी स्पेस प्रोग्राम. सुपारको की स्थापना 1961 में हुई थी जबकि इसरो की स्थापना करीब इसके आठ साल बाद 1969 में हुई थी. साल 1960 में पाक में सबसे बड़े शहर कराची में पाकिस्तान-अमरीकी काउंसिल का लेक्चर ...
भ्रष्टाचार पर PHD करने वाले महा-भ्रष्ट अधिकारी श्री दीपक खंबित पर संसार के सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी को रिसर्च करने की आवश्यकता है। कैसे सरकार के नजरों में अच्छा बनकर पैसा कमाया जाता है। Deepak Bhaskar Khambit Addl. City Engineer MBMC फंस जाने पर कैसे गुमराह कर जांच एजेंसियां से लेकर विभागीय अधिकारियों तक गुमराह किया जाता है यह कोई श्री खंबित से सीखना चाहिए। सन 1994 में मात्र2500 रुपए में 30 दिन आठ घंटे काम करने हेतु ठेका कर्मचारी ( डिप्लोमा होल्डर) से आज इस मिरा भयंदर शहर का सिटी इंजीनियर सभी को खुश रखते हुए बन गए है। जिनके पास आज भी डिप्लोमा ही है, मौजा नवघर के 122D में श्मशान हेतु आरक्षित भूमि है इस आरक्षित भूमि पर बिना शासन से मंजूरी लिए बिना ...